Rajasthan Gk Questions & Answer : [Part-3]
History – इतिहास – Quiz Test -GK MCQs – Questions – Online Mock tests series Free – Previous year exams
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प्रश्न 31. उस अभिलेख को चिन्हित कीजिए, जो प्राचीन राजस्थान में वैष्णव संप्रदाय की उपस्थिति के साक्ष्य देता है-?
- कन्सुआ अभिलेख
- बरनाला अभिलेख
- हर्षनाथ मंदिर की प्रशस्ति
- आहड़ अभिलेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) बरनाला अभिलेख 278 ई. गर्गत्रिरात्र यज्ञ का उल्लेख बरनाला जयपुर से प्राप्त, वर्तमान में आमेर संग्रहालय में स्थित। 90 गौओ के दान का उल्लेख, विष्णु भगवान की वन्दना से अन्त हर्षनाथ मन्दिर प्रशस्ति- 973ई. हर्षनाथ मन्दिर सीकर से प्राप्त, भाषा संस्कृत चौहानों के वंशक्रम व उपलब्धियो का उल्लेख मंदिर का निर्माण- अल्लट।
प्रश्न 32. ‘घोसुण्डी शिलालेख’ निम्न में से किस लिपि में लिखा गया था ? [Lab Assistant (Geography)- 30 June 2022]
- आर्मेनियम
- भाबू
- देवनागरी
- ब्राह्मी
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (D) घोसुण्डी अभिलेख (चित्तौड़गढ़) ।। शताब्दी ई.पू. चित्तौड़गढ़ से प्राप्त हुआ है। भाषा-संस्कृत, लिपि-बाह्यी सर्वप्रथम डॉ.डी. आर. भंडारकर द्वारा पढ़ गया राज. में वैष्णव भागवत सम्प्रदाय से संबंधित सर्वाधिक प्राचीन अभिलेख इस अभिलेख का महत्व दूसरी शताब्दी ई. पू. में भागवत धर्म का प्रचार, सर्वतात द्वारा अश्वमेघ यज्ञ का प्रचलन, वासुदेव/संकर्षण की मान्यता से है।
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प्रश्न 33. घोसुण्डी शिलालेख किस भाषा में लिपिबद्ध है ? [JEN (Electric) – 10 May, 2022]
- राजस्थानी
- प्राकृत
- अपभ्रंश
- संस्कृत
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (D) घोसुण्डी शिलालेख घोसुण्डी गांव (चित्तौड़गढ़) में स्थित है इस शिलालेख की भाषा संस्कृत तथा लिपि ब्राह्मी है इसमें उल्लेखित है कि अश्वमेघ यज्ञ एवं विष्णु मंदिर की चारदीवारी का वर्णन गजवंश के राजा सर्वतात द्वारा किया गया है यह लेख डॉ. डी. आर भण्डारकर द्वारा प्रकाशित है यह ” भागवत वैष्णव धर्म” से संबंधित प्राचीनतम लेख है।
प्रश्न 34. घोसूण्डी का शिलालेख स्थित है-? [Agriculture Supervisior 2021], [RAS Pre 28 Aug, 2016]
- बारां
- चितौड़गढ़
- भीलवाड़ा
- अजमेर
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) घोसूण्डी शिलालेख (॥ शताब्दी ई.पू.) घोसूण्डी. चितौड़गढ़ में स्थित वर्तमान में उदयपुर संग्रहालय में सुरक्षित राजस्थान में भागवत (वैष्णव) सम्प्रदाय से संबंधित प्राचीन अभिलेख गायाजन गोत्र/वंश का उल्लेख।
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प्रश्न 35. बैराठ (जयपुर के पास) भीमजी की डूंगरी के तल पर दो शिलालेख बैराट शिलालेख और लघु शिलालेख की खोज की गई है-?
- चालुक्य
- मुगल
- मुगल
- राठौर
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) बैराठ से मौर्य सम्राट अशोक के दो शिलालेख मिले (1) भीम डूंगरी की तलहटी में एक चट्टान पर उत्कीर्ण शिलालेख जो सम्राट अशोक के रूपनाथ- सासाराम अभिलेख की प्रतिलिपी अथवा बैराठ संस्करण है (2) दूसरा शिलालेख बैराठ की बीजक की पहाड़ी पर (हनुमान जी मंदिर के पास) मिला इस शिलालेख से अशोक का बौध अनुयायी होने की जानकारी मिलती है। इसमें अशोक त्रिरत्न धर्म, संघ की आस्था प्रकट करता है यह शिलालेख मेजन बर्ट ने खोजा। वर्तमान में कलकत्ता संग्रहालय में संरक्षित है। इसे बैराठ भानु शिलालेख भी कहते है।
प्रश्न 36. सन् 1837 में बीजक पहाड़ी (बैराठ) स्थित अशोक के शिलालेख को किसने खोजा ? [II Grade (Sans. Edu.) 19 Feb., 2019]
- कैप्टन बर्ट
- कर्नल जैम्स टॉड
- कैप्टन हॉकिन्स
- आर.सी. अग्रवाल
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (A) बैराठ सभ्यता- बाणगंगा नदी के किनारे बीजक पहाड़ी (जयपुर) में 1837 ई. कैप्टन बर्ट ने ” भाबू शिलालेख” की खोज की वर्तमान में कोलकाता संग्रहालय में स्थित ब्राह्मी लिपि में ‘बुद्ध-धम्म-संघ’ का उल्लेख → 7 7 बौद्ध पुस्तकों का उल्लेख।
प्रश्न 37. बडवा ग्राम (कोटा) से कितने मौखरी यूप अभिलेख प्राप्त हुए है? [Patwar Pri- 25 May, 2016]
- 5 (पाँच)
- 3 (तीन)
- 4 (चार)
- 7 (सात)
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) पाखरी यूप स्तंभ– बडुवा गांव (कोटा) 181 ई. (वि. स. 238, कृत सवंत 295) भाषा संस्कृत गिरात्र यज्ञ, अप्तोयाम यज्ञ का उल्लेख मौखरी वंश के बलवर्धन, सोमदेव, बलसिंह द्वारा वैष्णव धर्म- यज्ञ की महिमा का उल्लेख धर्म के पुनरूद्धार का संधि काल माना गया है। बुद्ध धर्म की अवनति, हिन्दू, |
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प्रश्न 38. निम्नलिखित में से कौन सा अभिलेख चित्तौड़ के प्रारम्भिक इतिहास पर प्रकार डालता है ? [J.E.N. (Mechanical) Degree – 2020]
- अचलेश्वर का अभिलेख
- मानमोरी का अभिलेख
- सामोली का अभिलेख
- बिजोलिया का अभिलेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) मानमोरी का लेख मानसरोवर झील (चित्तौड़गढ़) के तट पर कर्नल जेम्स टॉड को प्राप्त हुआ था इसमें चार मौर्य राजाओं- महेश्वर, भीम, भोज एवं मानमौर्य का उल्लेख है इस अभिलेख में यह लिखा गया था कि चित्रांगद मौर्य ने 8 वीं सदी में चित्तौड़गढ़ दुर्ग का निर्माण कराया था कर्नल जेम्स टॉड द्वारा इंग्लैण्ड जाते समय भारी होने को कारण इस अभिलेख को समुद्र में फेंक दिया था। इसका उल्लेख टॉड ने अपनी पुस्तक ‘एनाल्स एण्ड एन्टिक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ में किया इस अभिलेख की रचना पुष्य तथा उत्कीर्ण शिवादित्य ने किया।
प्रश्न 39. मौखरी यूप अभिलेख (238 ई.) निम्न में से कहां से प्राप्त हुए हैं-? [ हेडमास्टर प्रवेशिका (संस्कृत शिक्षा) 11 Oct. 2021]
- बरनाला
- बैराठ
- बड़वा
- बड़ली
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) बड़वा स्तम्भ लेख (238-39 ई.) 3 यप स्तम्भ लेख (त्रिरात्र यज्ञों का उल्लेख) (कृत संवत् 295 का उल्लेख) बलवर्धन, सोमदेव, बलसिंह द्वारा सम्पादित ‘अप्तोयाम यज्ञ’ का उल्लेख ‘मौखरी धनत्रात’ द्वारा सम्पादित वैष्णव धर्म/यज्ञ का उल्लेख।
प्रश्न 40. ग्वालियर अभिलेख में ‘म्लेच्छों का नाशक’ किसे कहा गया है-? [II Grade (Spe.Edu.) 3 July, 2019]
- विग्रहराज-चतुर्थ
- विमलशाह
- नागभट्ट
- मिहिर भोज
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) जालौर अवंति कन्नौजी प्रतिहारों की नामावलि नागभट्ट से प्रारंभ होती है प्रवर्तक- नागभट्ट “नागावलोक” कहते है ग्वालियर प्रशस्ति में “नारायण” की उपाधि “म्लेच्छों के दमन की ओर उद्धारक अर्थात् म्लेच्छों का नाशक” कहा गया है।
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प्रश्न 41. किस अभिलेख में गुर्जर प्रतिहारों को लक्ष्मण के वंशज कहा गया है-? [Junior Instructor COPA 24 March 2019]
- घटियाला अभिलेख
- जोधपुर अभिलेख
- ग्वालियर अभिलेख
- दौलतपुर अभिलेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) भाषा संस्कृत की प्रशस्ति है. ग्वालियर अभिलेख के रचयिता बालादित्य है तथा इसकी यह गुर्जर प्रतिहार वंश के प्रसिद्ध शासक मिहिरभोज प्रथम इस अभिलेख में गुर्जर प्रतिहार वंश को लक्ष्मण का वंशज कहा गया है इसमें मिहिरभोज प्रथम की उपाधि आदिवराह मिलती है। यह प्रशस्ति तिथिविहिन है।
प्रश्न 42. अपराजित के शिलालेख के रचयिता निम्नलिखित में से कौन है-? [Rajasthan Police Constable – 14 July, 2018(II)]
- सोमदेव
- नारायण
- दामोदर
- गजोधर
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) अपराजित अभिलेख 661 ई. गुहिल शासक अपराजित की विजयों का वर्णन, वराहसिंह को परास्त कर अपना सेनापति बनाया रचना- दामोदर उत्कीर्ण यशोभट्ट प्राप्त कुंडेश्वर (नागदा) उदयपुर। वर्तमान- विक्टोरिया हॉल (उदयपुर)।
प्रश्न 43. जैन मंदिर की स्थापना का उल्लेख करने वाला प्रतिहार अभिलेख कौनसा है-? [II Grade (Spe.Edu.) 3 July, 2019]
- मण्डोर अभिलेख
- नाडोल अभिलेख
- नागदा अभिलेख
- घटियाला अभिलेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (D) घटियाला अभिलेख 861 ई., घटियाला जैन मंदिर। (माता की साल) उत्कीर्ण- प्रतिहार राजा कक्कुक भाषा संस्कृत, लेख-गद्य/पद्य चम्पू शैली रचयिता मग, उत्कीर्ण- सुवर्णकार कृष्णेश्वर मग ब्राह्मण (द्वितीय ब्राह्मण) का उल्लेख जैन मंदिर के निर्माण का उल्लेख।
प्रश्न 44. निम्नलिखित में से कौन-सा मण्डोर के प्रतिहारों के इतिहास की जानकारी देता है ? [Lab. Assistant 03 Feb. 2019]
- सम्भोली अभिलेख
- बीजापुर अभिलेख
- घटियाला अभिलेख
- अरधुना अभिलेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) घटियाला शिलालेख की भाषा संस्कृत है तथा यह गद्य व पद्म दोनों में इसको प्रतिहार राजा कक्कुक ने उत्कीर्ण करवाया था इस शिलालेख का रचयिता मग एवं उत्कीर्णकर्ता सुवर्णकार कृष्णेश्वर था इस शिलालेख के अनुसार गुर्जर प्रतिहारों का आदिपुरुष हरिश्चंद्र नाम का ब्राह्मण था जिसने प्रतिहार वंश की स्थापना मंडोर में की।
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प्रश्न 45. घटियाला अभिलेख से संबंधित निम्नलिखित कथनों में असत्य है-? [Senior Computer Instructor- 19 June 2022]
- अभिलेख में प्रतिहार शासक हरिशचन्द्र एवं उसके वंशजों का विवरण है।
- अभिलेख में ‘मग’ जातीय ब्राह्मणों का उल्लेख है।
- अभिलेख में नागभट्ट-। के राजधानी को मंडोर में स्थानांतरित करने का विवरण है।
- यह अभिलेख 4 अभिलेखीय लेखों का एक समूह है।
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) घटियाला शिलालेख 861 ई. चार लेखो के समुदाय में घटियाला स्थित एक स्तम्भ के दो पाश्वों पर उत्कीर्ण है। यह स्तम्भ एक जैन मंदिर के “माता की साल” के निकट है मग जाति के ब्राह्मणो का विशेष उल्लेख है जो वर्ण विभाजन का घोतक है हरिश्चन्द्र नामक ब्राह्मण “रोहिल्लद्धि” भी कहते थे। चार पुत्र- भोगभट, कक्क, रज्जिल, दह ने मंडोर दुर्ग बनवाया नागभट्ट ने मेड़ता को अपनी राजधानी बनाया नागभट्ट प्रथम ने उज्जैन से अपनी राजधानी हटाकर भीनमाल ले आया।
प्रश्न 46. अभिलेख, जो प्रतिहार शासक कक्कुक की आभीरों पर विजय का दावा करता है-? [VDO Main Eaxm-9 July 2022]
- बीजोलिया अभिलेख
- अर्थुणा अभिलेख
- घटियाला अभिलेख
- चीरवा अभिलेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (C) घटियाला शिलालेख । (861 ई.) कुक्कुक ने दो और स्तम्भो की स्थापना की घटियाला, मंडोर मंडोर शिलालेख में उल्लेख (IV श्लोक, रोहिंसकूप (घटियाला)) आभीरों के उपद्रव के कारण उसे भयरहित बनाकर आबाद किया “मग” जाति के ब्राह्मणो का भी विशेष उल्लेख।
प्रश्न 47. घटियाला शिलालेख किस भाषा में लिखा गया था-? [Lab Assistant (Science)- 28 June 2022, Shift-1]
- फारसी
- संस्कृत
- हिंदी
- मारवाड़ी
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) घटियाला का शिलालेख 861 ई. में जोधपुर घटियाला में जैन मंदिर में स्थापित हुआ था इस अभिलेख की भाषा संस्कृत है तथा इसका लेख गद्य व पद्म दोनों में चम्पू शैली में उत्कीर्ण है इसके अन्य दो लेख मराठी तथा सस्कृत भाषा में है।
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प्रश्न 48. घटियाला प्राकृत अभिलेख किस प्रतिहार शासक से सम्बन्धित है-? [Lab Assistant (Science)- 29 June 2022, Shift-II]
- दद्ध
- वत्सराज
- कक्कुका
- नागभट्ट
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (D) घटियाला का शिलालेख 861 ई. में जोधपुर घटियाला में जैन मंदिर में स्थापित हुआ था इस अभिलेख की भाषा संस्कृत है तथा इसका लेख गद्य व पद्य दोनों में चम्पू शैली में उत्कीर्ण है इसके अन्य दो लेख मराठी तथा संस्कृत भाषा में है उत्कीर्णकर्ता सुवर्णकार कृष्णेश्वर था इन लेखों का रचियता मग एवं इसके अनुसार गुर्जर प्रतिहारों का आदिपुरूष हरिश्चंद्र नाम का ब्राह्मण था जिसने प्रतिहार वंश की स्थापना मंडोर में की।
प्रश्न 49. निम्नलिखित में से कौन-सा शिलालेख प्रतिहारों का इतिहास बताता है ? [Junior Instructor (Fitter) 23 March 2019]
- मंडोर शिलालेख
- नंदस्युपा स्तंभ शिलालेख
- घोसुंडी शिलालेख
- बिजोलिया शिलालेख
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (A) मंडोर शिलालेख जोधपुर 685 ई. मण्डोर के पहाड़ी ढाल पर “L” आकृति की बावड़ी में लगा है भाषा संस्कृत, शिव- विष्णु उपासना प्रचलित थी। निर्माण- माधू ब्राह्मण मंडोर का दूसरा शिलालेख 837 ई. मंडोर के गुर्जर प्रतिहारो की वंशावली मिलती है बाउक प्रशस्ति भी कहते है, गुर्जर प्रतिहार नरेश बाउक ने उत्कीर्ण करवाया था।
प्रश्न 50. बिजौलिया शिलालेख में किस वंश के शासकों की उपलब्धियों का उल्लेख है ? [RPSC Grade II-31 Oct 2018]
- सिसोदिया
- चौहान
- राठौड़
- परमार
उत्तर एवं व्याख्या
उत्तर- (B) बिजौलिया शिलालेख (1170 ई.), बिजौलिया (भीलवाड़ा) ■के पार्श्वनाथ मंदिर में स्थित 93 संस्कृत पद्मों का प्रयोग सांभर-अजमेर के चौहानों को वत्स गौत्रिय ब्राह्मण कहा गया है इसके रचयिता गुणभद्र तथा लेखक कायस्थ केशव था और अंकित या उत्कीर्ण गोविन्द ने किया।
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