प्रियों स्टूडेंट्स, आज हमलोग राजस्थान की राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan Ka Ekkikaran के बारें जानेंगे |
राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan Ka Ekkikaran के चरण
नीचे राजस्थान की एककिकरण स्टाप बाई स्टाप बरणन किया हूँ।
- भारत की आजादी के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली तथा राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे.बी. कृपलानी थे और भारत के वायसराय/गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन थे
- रियासतों के एकीकरण के लिये 5 जुलाई, 1947 ई. को रियासती सचिवालय विभाग का गठन श्रीनगर में किया गया था।
- रियासती विभाग का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल को बनाया गया था। सरदार पटेल को भारत का लौह पुरुष / भारत का बिस्मार्क कहा जाता है। रियासत विभाग का सचिव वी.पी. मेनन को बनाया गया था।
- पृथक अस्तित्व रखने की इच्छुक रियासतों के लिये कम से कम दस लाख की आबादी व एक करोड़ की वार्षिक आय निश्चित की गयी। राजस्थान में इस शर्त को पूरा करने वाली चार रियासतें बीकानेर, उदयपुर, जोधपुर, जयपुर थीं।
- राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan Ka Ekkikaran के दौरान राजस्थान में 19 रियासते 3 ठिकाने व एक केन्द्रशासित प्रदेश अजमेर मेरवाड़ा था।
- 3 ठिकाने निम्न है – नीमराणा (कोटपूतली-बहरोड़), कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा), लावा (टोंक) ह)
- सबसे बड़ा ठिकाना कुशलगढ़ व सबसे छोटा ठिकाना लावा था।
- राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में पूरा हुआ था।
- राजस्थान के एकीकरण में 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय लगा था।
- पूर्ण एकीकरण के समय राजस्थान में 26 जिले थे
राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan Ka Ekkikaran प्रथम चरण :- मत्स्य संघ
- मत्स्य संघ का निर्माण 18 मार्च, 1948 को हुआ था।
- प्रथम चरण का नाम मत्स्य संघ के. एम. मुंशी के कहने पर रखा गया था।
- ठिकाने:- अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर व नीमराणा ठिकाना।
- मत्स्य संघ की राजधानी अलवर को बनाया गया।
- मत्स्य संघ का उद्घाटन एन.वी. गॉडगिल ने भरतपुर के किले (लौहागढ़ का किला) में किया था।
- राजप्रमुख – उदयभान सिंह, धौलपुर
- प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत
- उपप्रधानमंत्री – जुगलकिशोर चतुर्वेदी
- करौली रियासत राजस्थान की प्रथम रियासत थी जिसने अंग्रेजों के साथ सहायक संधि की थी। (1817 ई.)
- गाँधीजी की हत्या का संबंध राजस्थान की अलवर रियासत के दीवान नारायण भास्कर खरे व महाराव तेजसिंह पर आरोप लगाकर भारत सरकार ने इनको दिल्ली में नजरबंद कर दिया।
- अलवर रियासत ने पहला स्वतंत्रता दिवस भी नहीं मनाया था
धौलपुर व भरतपुर जाट रियासतें थीं जो भाषा के आधार पर उत्तर प्रदेश में शामिल होना चाहती थी
- विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अन्तिम रियासत धौलपुर थी। (14 अगस्त 1947)
राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan Ka Ekkikaran द्वितीय चरण :- पूर्वी राजस्थान/राजस्थान संघ:-
- पूर्वी राजस्थान का निर्माण 25 मार्च, 1948 को हुआ था।
- इस चरण में 9 रियासते व 1 ठिकाना शामिल था।
- रियासते:- किशनगढ़, कोटा, बाँसवाड़ा, बूँदी, झालावाड़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा व टोंक + कुशलगढ़ ठिकाना।
- पूर्वी राजस्थान संघ की राजधानी कोटा को बनाया गया।
- पूर्वी राजस्थान का उद्घाटन एन.वी. गॉडगिल ने कोटा के दुर्ग में किया था।
- राजप्रमुख – भीमसिंह, कोटा
- उप राजप्रमुख – बहादुर सिंह, बूँदी
- प्रधानमंत्री – गोकुललाल असावा
- नोट– एकीकरण के दौरान राजस्थान शब्द का प्रयोग भी इसी चरण में हुआ था।
- झालावाड़ रियासत की स्थापना झाला मदनसिंह ने अंग्रेजों की सहायता से 1838 ई. में की थी।
- कोटा रियासत अंग्रेजों के साथ सहायक संधि करने वाली दूसरी रियासत थी। (पूर्ण शर्तों सहित संधि करने वाली प्रथम रियासत )
- अंग्रेजों द्वारा स्थापित एकमात्र रियासत झालावाड़ थी।
- शाहपुरा व किशनगढ़ रियासत को तोप सलामी का अधिकार नहीं था।
- उत्तरदायी शासन की स्थापना करने वाली राजस्थान की प्रथम रियासत शाहपुरा थी। (14 अगस्त, 1947)
- बाँसवाड़ा के शासक चंद्रवीर सिंह ने एकीकरण पर हस्ताक्षर करते समय कहा था कि ‘मैं एकीकरण पर नहीं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।’
- शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने वाली रियासत डूंगरपुर थी।
- राजपूताने की एकमात्र मुस्लिम रियासत टोंक थी।
- राजपूताने की सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी ।
तृतीय चरण :- संयुक्त राजस्थान
- संयुक्त राजस्थान का निर्माण 18 अप्रैल, 1948 को हुआ था।
- इस चरण में उदयपुर रियासत को शामिल किया गया था।
- इस चरण में कुल 10 रियासतें शामिल थीं (9+1 उदयपुर) ।
- संयुक्त राजस्थान की राजधानी उदयपुर को बनाया गया था
- उद्घाटनकर्त्ता :- पंडित जवाहर लाल नेहरू, उदयपुर।
- राजप्रमुख :- भूपाल सिंह, उदयपुर
- उपराजप्रमुख:- भीमसिंह, कोटा
- प्रधानमंत्री:- माणिक्यलाल वर्मा
- एकीकरण के समय एकमात्र अपाहिज व्यक्ति मेवाड़ के भूपाल सिंह थे।
- मेवाड़ राजपूताने की सबसे प्राचीन रियासत थी
चतुर्थ चरण :- वृहत राजस्थान (ग्रेटर राजस्थान)
- वृहत राजस्थान का निर्माण 30 मार्च, 1949 ई. को हुआ था।
- इस चरण में 4 रियासतों व 1 ठिकाने का विलय किया गया।
- जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर व लावा ठिकाना ।
- राजधानी- जयपुर
- उद्घाटनकर्त्ता: – सरदार वल्लभ भाई पटेल (जयपुर के सिटी पैलेस)
- राजप्रमुख:- मानसिंह द्वितीय, जयपुर।
- प्रधानमंत्री:- हीरालाल शास्त्री
- वृहत राजस्थान का महाराज प्रमुख मेवाड़ के भूपाल सिंह को बनाया गया था।
- जयपुर को राजधानी पी. सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर बनाया गया था।
- क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान की सबसे बड़ी रियासत जोधपुर (मारवाड़) तथा सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी।
- जनसंख्या के आधार पर राजस्थान की सबसे बड़ी रियासत जयपुर तथा छोटी रियासत शाहपुरा, थी।
- पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जैसलमेर रियासत को अनोखी रियासत/आठवां आश्चर्य कहा था।
- जैसलमेर राजस्थान की सबसे पिछड़ी हुई रियासत थी इसे राजस्थान का अंडमान कहते है।
- जैसलमेर राजस्थान की एकमात्र ऐसी रियासत थी जिसने स्वतंत्रता से पहले उत्तरदायी शासन की स्थापना में विफल रही।
- मारवाड़ का शासक हनुवंत सिंह, मो. अली जिन्ना के कहने पर पाकिस्तान में मिलना चाहता था। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल के दबाव में आकर राजस्थान में मिलना स्वीकार किया था।
- जैसलमेर रियासत ने 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में न तो भाग लिया और न ही यहाँ उत्तरदायी शासन स्थापना की मांग की।
- विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली पहली रियासत बीकानेर थी। (7 अगस्त 1947)
पाँचवां चरण :- संयुक्त वृहतर राजस्थान
- इस चरण का निर्माण 15 मई, 1949 को हुआ था। इस चरण के दौरान वृहत राजस्थान में मत्स्य संघ को शामिल किया गया था।
- इस चरण में 18 रियासतें व 3 ठिकाने शामिल थे। राजधानी- जयपुर
- राजप्रमुख:- मानसिंह द्वितीय
- प्रधानमंत्री:- हीरालाल शास्त्री
- वृहत राजस्थान व मत्स्य संघ का विलय शंकरदेवराय समिति के तहत किया गया था।
छठा चरण: राजस्थान संघ
- इस चरण का निर्माण 26 जनवरी, 1950 ई. को हुआ था।
- इस चरण के दौरान सिरोही रियासत को शामिल किया गया था।
(आबू-देलवाड़ा क्षेत्र को छोड़कर) - राजस्थान संघ के गठन के समय देश में संविधान लागू होने के कारण
- राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री:- हीरालाल शास्त्री बने थे जिन्हें शपथ मानसिंह द्वितीय ने दिलवायी थी।
- नोट:-
आबू-देलवाड़ा क्षेत्र को बम्बई प्रांत में शामिल किया गया था। गोकुल भाई भट्ट ने इसका विरोध किया था।
सातवां चरण : वर्तमान राजस्थान
- इस चरण का निर्माण 1 नवम्बर, 1956 ई. को हुआ था।
- इस चरण के दौरान राजस्थान में अजमेर-मेरवाड़ा, आबू-देलवाड़ा तथा मध्यप्रदेश की मंदसौर तहसील के सुनेल टप्पा को शामिल किया गया था।
- इस प्रकार सिरोही का एकीकरण दो चरणों में हुआ था।
- सुनेल टप्पा वर्तमान में कोटा में है।
- सुनेल टप्पा के बदले में राजस्थान के झालावाड़ जिले का सिरोज भाग मध्यप्रदेश को दिया गया था।
- राजस्थान का एकीकरण | Rajasthan Ka Ekkikaran के सातवें चरण में राजप्रमुख के पद को 7वें सविधान संशोधन के माध्यम से समाप्त करके राज्यपाल का पद सृजित किया गया था।
- राजस्थान के प्रथम राज्यपाल :-सरदार गुरुमुख निहाल सिंह बने थे।
- एकीकरण के समय राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।
- अजमेर-मेरवाड़ा (सी) श्रेणी का राज्य था जिसकी पृथक विधनसभा थी तथा वहाँ के मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय थे। इस
- विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित 30 सदस्य थे।